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हाथ में विभिन्न पर्वतों पर रेखाओं के संयोग और इनसे बनने वाले निशान की मौजदूगी से शुभ या अशुभ परिणाम का पता चलता है। इनमें बृहस्पति पर्वत या गुरु पर्वत पर बना क्रॉस का निशान भी बेहद महत्वपूर्ण है। गुरु पर्वत पर क्रॉस के निशान को हस्तरेखा विज्ञान में अत्यधिक खास माना गया है। क्रॉस का विभिन्न रेखाओं पर अलग-अलग परिणाम देता है।
-यदि क्रॉस का निशान शनि पर्वत पर है तो व्यक्ति को लड़ाई में चोट की आशंका रहती है। ऐसे व्यक्ति की अकाल मृत्यु अथवा मृत्यु तुल्य योग का सामना करना पड़ता है।
-सूर्य पर्वत पर क्रॉस का निशान व्यक्ति को बदनामी दिलाता है। कारण चाहे जो हो, लेकिन ऐसा व्यक्ति को किसी ना किसी तरह का आक्षेप झेलना पड़ता है। व्यापार में भी नुकसान उठाना पड़ता है।
-गुरु पर्वत पर क्रॉस के निशान को अच्छा माना गया है। यदि गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान है तो ऐसा जातक जीवन में सुख पाता है। इन लोगों को शिक्षित और धनी कुल से जीवनसाथी मिलता है। वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
भविष्य की ज्यादा चिंता नहीं करते ऐसे लोग
-बुध पर्वत पर क्रॉस का निशान व्यक्ति को धोखेबाज और झूठा प्रवृत्ति का बनाता है।
-यदि मंगल पर्वत पर क्रॉस का निशान हो तो ऐसा व्यक्ति झगड़ालू प्रवृत्ति का होता है।
-यदि क्रॉस का चिह्न यात्रा रेखा पर हो तो ऐसे व्यक्ति की यात्रा के दौरान किसी कारण से मौत हो जाती है।
-जीवन रेखा पर क्रॉस का निशान व्यक्ति को मृत्युतुल्य कष्ट देता है। यदि जीवन रेखा क्रॉस पर आकर खत्म हो जा रही है और आगे नहीं बढ़ रही तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। -केतु पर्वत पर क्रॉस का चिह्न होने से व्यक्ति की शिक्षा बाधित हो जाती है। परिवार में किसी समस्या अथवा जातक के बचपन में बीमार होने से शिक्षा में व्यवधान आता है।
-हृदय रेखा पर क्रॉस का निशान हृदयाघात की बीमारी का संकेत करता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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