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ज्योतिष में 28 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को मुहुर्त राज कहा गया है। नक्षत्रों में सबसे अधिक सम्मान पाने वाला यह योग जिस दिन भी आ जाए उसके महत्व को बढ़ा देता है। शुभ मुहूर्तों की श्रंखला में गुरु-पुष्य योग, गुरू-शुक्र योग, रवि-पुष्य योग, यह तो बहुत अच्छे योग हैं। इसके साथ साथ मंगलवार को यदि पुष्य नक्षत्र हो तो यह बहुत ही लाभकारी है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि होते हैं। मंगल और शनि को परस्पर मित्र बताया गया है। जो व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करते हैं, उनका शनि कुछ नहीं बिगाड़ सकते। इसलिए मंगलवार को इस योग का आना बहुत ही दुर्लभ है। इस बार दिवाली से पहले यह योग बहुत ही शुभ मुहूर्त में है। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से मंगल-पुष्य योग, प्रवर्धन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग सहित कई योग बन रहे हैं। इस योग में आभूषण, सोना, चांदी, हीरे, वस्त्र एवं घर के उपयोग का सामान खरीदना बहुत ही शुभ रहता है। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से हनुमान जी की पूजा विशेष फलदाई है। प्रातः काल हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी के मंदिर जाएं। उनको चोला चढ़ाएं अथवा घर पर ही हनुमान चालीसा सुंदरकांड आदि का पाठ करें। इसके पश्चात शुभ मुहूर्त में खरीददारी करें।
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खरीददारी के शुभ मुहूर्त
18 अक्टूबर को प्रातः काल सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक संपूर्ण मंगल पुष्य योग है। वैसे राहुकाल को छोड़कर कभी भी खरीदारी की जा सकती है। मंगलवार को राहुकाल शाम को तीन से 4.30 बजे तक रहेगा। प्रातः 8:41 से 11:00 बजे तक वृश्चिक लग्न(स्थिर लग्न) होगा। इसके बाद 11:36 बजे से 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त (स्वयं सिद्ध मुहूर्त) है। 14:45 से 16:13 बजे तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न) जबकि रात को 7:14 बजे 21:10 बजे तक वृषभ लग्न ( स्थिर लग्न) है। इन सभी विशिष्ट मुहूर्त में घर के सामान से लेकर सोना,चांदी, आभूषण, भूमि-भवन, प्रॉपर्टी का क्रय-विक्रय कर सकते हैं। इसके साथ साथ महालक्ष्मी पूजन हेतु श्री यंत्र, कुबेर यंत्र, लक्ष्मी यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, बाधा निवारण यंत्र को भी विशिष्ट मंत्रों से अभिमंत्रित करके उनका उचित लाभ उठाया जा सकता है।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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