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वर्ष 2023 का सबसे बड़ा ग्रहीय परिवर्तन जनवरी माह की 17 तारीख को रात में 4 बजकर 30 मिनट पर होने जा रहा है। जब सूर्य पुत्र शनिदेव अपनी पहली राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। यह शुभ अवसर इसके बाद लगभग 30 वर्ष के बाद ही प्राप्त होगा । जब सूर्य अपनी पहली राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। शनि देव कर्म और कर्म फल प्रदायक ग्रह होने के कारण अपने इस परिवर्तन के साथ ही बहुत कुछ परिवर्तन कर देंगे। ऐसे में कर्क , सिंह, कन्या लग्न अथवा राशि वालों पर किस प्रकार का प्रभाव स्थापित करेंगे इसको जानेंगे।
कर्क :- शनि देव का कुंभ राशि में गोचरीय परिवर्तन हो जाने से कर्क राशि अथवा लग्न वालों के लिए शनि की ढैया का आरंभ हो जाएगा । ऐसे में जो कर्म पिछले वर्षों में किया गया है उसी का परिणाम इस ढैय्याके प्रभाव में प्रदान करने वाले हैं। कर्क राशि अथवा लग्न में शनि सप्तम भाव एवं अष्टम भाव के कारक होकर अष्टम भाव में स्वराशि के होकर गोचर करेंगे। परिणाम स्वरूप पेट और पैर की समस्या के साथ-साथ वाणी में तीव्रता। खर्च में अधिकता । दांतों की समस्या। पारिवारिक कार्यों को लेकर तनाव । दांपत्य जीवन को लेकर तनाव की स्थिति । प्रेम संबंधों में तनाव या विवाद की संभावना बनेगी। कार्यों में व्यवधान या अवरोध । कर्म गत बाधा की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। संतान पक्ष से चिंता की स्थिति के साथ-साथ पिता के स्वास्थ्य एवं पैतृक संपत्ति को लेकर तनाव या विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में शनि की आराधना के साथ-साथ शिवलिंग पर काला तिल शनिवार को चढ़ाना विशेष आवश्यक होगा ।
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सिंह :- अपने इस स्वगृही परिवर्तन के साथ ही शनिदेव सप्तम भाव में गोचरीय संचरण करेंगे । सप्तमेश का सप्तम भाव में गोचर करना सकारात्मक परिणामों में वृद्धि करने वाला होता है। कुंभ राशि में पहुंचने के साथ ही सिंह लग्न अथवा राशि वालों के लिए शनि देव आय के नए साधनों में वृद्धि करेंगे। व्यापार, व्यवसाय अथवा रोजगार के साधनों में परिवर्तन करते हुए प्रगति प्रदान करेंगे।साझेदारी के कार्यों में वृद्धि करेंगे । दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में सुधार की स्थिति उत्पन्न करेंगे परंतु भाग्य में सामान्य अवरोध के साथ-साथ पिता के स्वास्थ्य एवं संबंधों में नकारात्मक परिणाम भी प्रदान करेंगे। अधिक परिश्रम के बाबजूद फलों में थोड़ी कमी कर देंगे । जिस कारण से मानसिक चिंता में वृद्धि होगी। झल्लाहट में वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ी सी चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो सकती है । जमीन जायदाद एवं वाहन के क्षेत्र से सामान्य तनाव उत्पन्न हो सकता है। अतः वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। श्री हनुमान जी की आराधना उत्तम फल की प्राप्ति कराएगा।
कन्या :- कुंभ राशि में प्रवेश करते ही शनि कन्या लग्न अथवा राशि वालों के छठे भाव अर्थात रोग, ऋण, शत्रु के भाव पर गोचर करना आरंभ करेंगे। ऐसे में शत्रुओं पर विजय की स्थिति उत्पन्न होगी । प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की स्थिति बनेगी । पुराने रोगों से मुक्ति की स्थिति के साथ-साथ खूब यात्रा भी कराएंगे । यद्यपि कि वह यात्रा व्यापार को लेकर भी हो सकता है। अथवा घर से दूरी किसी विवाद के कारण भी हो सकता है। पेट और पैर की समस्या के कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है ।आंखों की समस्या के साथ-साथ पराक्रम में वृद्धि का उत्तम संयोग बनेगा। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि ।भाई बंधुओं मित्रों के सहयोग सानिध्य में वृद्धि के साथ-साथ राजनीतिक वर्चस्व में भी वृद्धि की अच्छी स्थिति उत्पन्न हो सकती है । संतान पक्ष से थोड़ी सी चिंता की स्थिति भी होगी । शनिदेव की उपासना शुभ फलों में वृद्धि करेगा।
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