Hindustan Hindi News

[ad_1]

सनातन धर्म में तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। तीज-त्यौहार हो या पूजा-पाठ हर काम में इस पवित्र पौधे की पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। विशेषकर कार्तिक माह में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10 हजार गोदान के बराबर माना गया है। वहीं सप्तदेवालयों में कार्तिक नियम व्रत सेवा अंतर्गत तुलसी पूजन एवं दीपदान के लिए भक्त उमड़ रहे हैं।

Rashifal : 3 नवंबर को सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है। जिन दंपतियों को संतान का सुख न मिला हो, उन्हें भी तुलसी पूजा करनी चाहिए। वैसे तो पूरे कार्तिक मास में ही तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए लेकिन यदि किसी कारणवश दीपक नहीं जलाया है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना करनी चाहिए। ठा. राधादामोदर मंदिर के सेवायत कृष्णबलराम गोस्वामी ने बताया कि कार्तिक मास में सप्तदेवालयों में नियम व्रत सेवा महोत्सव अंतर्गत देश-विदेश से आए भक्त सुबह से ही भगवान की सेवा पूजा के साथ-साथ तुलसी पूजन अर्चन एवं तुलसी नामाष्टक का पाठ कर रहे हैं। नहीं शाम को तुलसी के समक्ष दीपदान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।

[ad_2]

Source link

If you like it, share it.
0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *