जले विष्णुः स्थले विष्णुर्विष्णुः पर्वतमस्तके ।

     ज्वालामालकुले विष्णुः सर्वं विष्णुमयं जगत् ॥


सभी काशी की अनसुनी कहानी के पाठकों को सादर प्रणाम भूतभावन भगवान शिव की असीम कृपा से हम सभी इस सीरीज के माध्यम काशी के अनेक रहस्यों को जाना है और अब इस सीरीज के क्रम में  बिंदुमाधव जी के माहात्म्य के अंतर्गत भगवान विष्णु के काशी में स्थित अन्य स्थानों के बारे में जानेंगे

जब अग्निबिन्दु ऋषि ने भगवान से पूछा – हे प्रभो ! काशीमें  आपके जितने स्वरूप (स्थान) है, उनका वर्णन कीजिये |

श्रीबिंदुमाधव जी बोले- हे अग्निबिन्दो ! मै तुम्हे अपने समस्त स्थान क्रम से बताता  हु सुनो –

(WWW.ONLINEKASHIPANDIT.COM ने आप सभी की सुविधा के लिए भगवान बिंदुमाधव के बताये हुए स्थानों का वर्तमान स्थान बताने का प्रयास किया है , जिससे सभी श्रद्धालुजन स्थान ढूंढने में परेशानी न हो )

भगवन विष्णु जी की वर्त्तमान काशी में स्थान

क्रम

नाम

स्थान

आदिकेशवआदिकेशव घाट
2ज्ञान केशवआदिकेशव घाट
3तार्क्ष्यकेशवआदिकेशव घाट
4गजाधरआदिकेशव मंदिर के बाहर
5नारदकेशवप्रह्लादघाट A १०/८०
6प्रह्लादकेशवप्रह्लादघाट A १०/८०
7आदित्यकेशवआदिकेशव के पास
8आदिगजाधरआदिकेशव के नीचे
9भृगुकेशवगोलाघाट सीढ़ीपर
10वामनकेशवत्रिलोचन घाट पर मधुसूदन के नाम से
11नरनारायणबद्रीनारायण के नाम से A ३७/५१
12यज्ञवराहस्वरलिनेशर के बहार A ११/३०
13विदारनृसिंहप्रह्लादघाट A १०/८२
14गोपीगोविंदलालघाट  गौरिशंकर महादेव मंदिर
15लक्ष्मीनृसिंहराजमंदिर ,हनुमान जी के मंदिर मे
16शेषमाधवशीतलघाट , नीचे मढि मे
17शंखमाधवराजमन्दिर , लुप्त
18हयग्रीवकेशवभदैनी , आनंदमयी हास्पिटल के बगल मे
19भीष्मकेशववृद्धकालेश्वर महादेव के पश्चिम मे
20निर्वाणकेशवB ५२/३९ भदैनी
21त्रिभुवनकेशवदशाश्वमेध घाट के उपर , बंदी देवी मंदिर मे
22ज्ञानमाधवविश्वनाथ जी के मंदिर मे , कपिल मुनि के बगल मे
23श्वेतमाधवमीरघाट , हनुमान जी मे
24प्रयागमाधवमानमंदिर घाट के  ऊपर लक्ष्मीनारायण  के नाम से
25विष्णुविश्वनाथ जी के मंदिर मे , दण्डपाणी जी के बगल मे
26गंगा केशवललिता घाट डी १/६७
27वैकुंठमाधवसंकठा घाट के ऊपर , हरिश्चंद्रेश्वर के बगल मे
28वीरमाधवआत्माविरेश्वर मंदिर के दरवाजे पर
29कालमाधवकाठ के हवेली के पीछे के ३४/४
30निर्वाणनृसिंहजौविनायक के पास
31महाबलनृसिंहकामेश्वर महादेव, के घेरे मे , ए २/९
32प्रचंडनृसिंहअस्सी घाट जगन्नाथ जी के पीछे, बी.१/१५१
33गिरिनृसिंहदेहलीविनायक के पास
34महाभयनृसिंहपितामहेश्वर के नीचे सी,के७/९२
35अत्युग्रनृसिंहगोमठ सी,के,८/२१
36ज्वालानृसिंहकपिलधारा, कोटवा गांव मे
37कोलाहलनृसिंहसिद्धिविनायक के ऊपर सी.के.८/१८९
38विकटनृसिंहकेदारेश्वर घाट बी६/१०३
39अनन्त वामनबिंदुमाधव ही,
40दधि वामनअस्सीघाट , तुलसीघाट के आश्रम मे
41त्रिविक्रमत्रिलोचन महादेव के मंदिर मे
42बलि वामनआदिकेशव मंदिर के बाहर
43ताम्र वाराहसि.के. ३३/३७
44धरिणीवाराहदशाश्वमेध घाट डि.१७/१११
45कोकावाराहभदैनी ।
46पंचशतनारायण
47शतंचजलशायि
48त्रिशतकमठ
49विंशतिमत्स्यरुपशंकुधारा २२/१९५
50शतषष्टिंगोपाल
51सहस्त्रबुद्धावतार
52त्रिशत्परशुराम
53एकोत्तरशतराम
54विष्णुरुपरामघाट के.२४/२५
55बिंदुमाधवपंचगंगा घाट
56खर्वनृसिंहदुर्गाघाट, के.२२/३७

 

ऋषि को इन सभी स्थानों का माहात्म्य क्रम से बताया और कहा की इनका कोई क्रम से दर्शन या किसी एक का भी दर्शन करता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते है |

जब विंष्णु जी अग्निबिन्दु ऋषि को काशी में अपने दिव्य स्थानों का माहात्म्य सुना रहे थे तभी उन्हें आकाश में गरुड़ जी दिखाई दिए और भगवान ने उनसे पूछा – श्रीमहादेव कहाँ है |

गरुड़ जी बोले- जिसके ध्वज पर वृषभ का चिह्न शोभा पा रहा है वह दिव्य रथ पर आसीन होकर महादेव जी आ रहे है दर्शन करिये | तब श्री हरी ने भगवान त्रिलोचनके ध्वज का दर्शन किया और दूर से ही प्रणाम किया और अग्निबिन्दु ऋषि से कहे – मुने ! तुम अपने दाहिने हाथ से मेरे सुदर्शन का स्पर्श करो | भगवान् की आज्ञा से उन्होंने ज्यों ही सुदर्शन का स्पर्श किया त्यों ही श्री हरिके महानअनुग्रह से वे सुदर्शन में समाहित हो गए |

कार्तिकेय जी कहते है – जो मनुष्य इस पुण्यमयी कथा को पढता है सुनता है वह भी अग्निबिन्दु ऋषि के भांति  भगवत्स्वरूप को प्राप्त होता है

आज हम लोग ने काशी में स्थित विष्णु जी के स्थानों का अध्ययन किया है (जिसको onlinekashipandit.com विष्णु यात्रा के रूप में संचालित कराती है | जिस किसी को इस यात्रा में भाग लेना हो संपर्क कर सकता है)  आगे काशी विश्वनाथ जी के काशी में आगमन की कथा का अध्ययन करेंगे

प्रणाम


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काशी की अनसुनी कहानी -22 | जानिए काशी में कहाँ कहाँ स्थित है भगवान विष्णु
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काशी की अनसुनी कहानी -22 | जानिए काशी में कहाँ कहाँ स्थित है भगवान विष्णु
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सभी काशी की अनसुनी कहानी के पाठकों को सादर प्रणाम भूतभावन भगवान शिव की असीम कृपा से हम सभी इस सीरीज के माध्यम काशी के अनेक रहस्यों को जाना है और अब इस सीरीज के क्रम में  बिंदुमाधव जी के माहात्म्य के अंतर्गत भगवान विष्णु के काशी में स्थित अन्य स्थानों के बारे में जानेंगे
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