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बदलते समय के साथ शादी के तरीके भी बदले हैं। वैवाहिक जीवन के लिए लव मैरिज और अरेंज मैरिज मुख्यत: दो तरह की व्यवस्था होती हैं। इसमें प्रेम विवाह सफल भी होते हैं तो कई बार असफल भी। हस्तरेखा में प्रेम विवाह के योग और इनके सफल होने की संभावनाओं की पुष्टि रेखाओं से की जा सकती है। हाथ में ऐसी कई रेखा होती हैं जो सफल प्रेम विवाह का संकेत देती हैं। प्रेम विवाह के लिए गुरु पर्वत, शुक्र पर्वत और हृदय रेखा महत्वपूर्ण हैं। विवाह रेखा भी इसके साथ देखी जाती है। इन चारों को देखने के बाद चंद्र पर्वत की स्थिति का आकलन होता है।
-हाथ में सामान्यत: हृदय रेखा शनि पर्वत तक पहुंच रही है तो ऐसे लेाग प्रेम विवाह नहीं करते। ये लोग प्रैक्टिकल होते हैं। ऐसे लोग शादी करते भी हैं तो उसका आधार मुख्यत: आकर्षण होता है। यदि व्यक्ति की हृदय रेखा शनि पर्वत तक जाकर रुक जाए तो ये लोग वास्तविक प्रेम नहीं करते।
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-यदि हृदय रेखा बृहस्पति पर्वत तक पहुंच रही हो तो ये लोग सच्चा प्रेम करते हैं। ऐसे लोगों का प्रेम विवाह होता है। लेकिन किसी कारणवश प्रेम विवाह नहीं हुआ और हृदय रेखा बृहस्पति पर्वत तक पहुंच रही है तो ऐसा जातक अपने जीवनसाथी से प्रेमी अथवा प्रेमिका की भांति प्रेम करता है।
-यदि हृदय रेखा में दो शाखाएं हैं तो यह शुभ लक्षण है। ऐसा व्यक्ति यदि प्रेम विवाह करता है तो वह सफल होता है। इनका वैवाहिक भी जीवन सफल होता है।
-यदि हृदय रेखा बहुत लंबा हो और वह बृहस्पति पर्वत को पार कर जाए तो ये उत्कृष्ट प्रेम करते हैं। ऐसे लोगों का प्रेम पागलपन की हद तक चला जाता है। ये जिससे प्रेम करते हैं वे यदि किसी दूसरे से बात कर लें तो इन्हें जलन होने लगती है। ऐसे लोगों के प्रेम विवाह की संभावनाएं बहुत अधिक होती हैं। हालांकि विवाह के बाद जीवनसाथी इनसे परेशान हो उठता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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