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सामान्य रूप से हाथ में हृदय रेखा, जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखाओं से अन्य रेखाएं निकलकर दो मुखी रेखाएं बनाती हैं। यदि व्यक्ति के हाथ में दो मुखी रेखाएं हैं तो इनके जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव हो सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि हृदय रेखा दो भागों में बंट जाए और इसका एक भाग शनि पर्वत पर जाए तो यह कर्म प्रधान और धनवान होने का इशारा करता है। यह व्यक्ति के मन से कर्म में लगे रहने का संकेत देता है। यदि हृदय रेखा से कोई रेखा निकलकर गुरु पर्वत पर जाती है तो यह आध्यात्मिक प्रवृत्ति को दर्शाता है। दो भागों में बंटी हृदय रेखा शुभ होती है। ऐसे लोगों के पास कर्म और धर्म दोनों होते हैं। दोनों के मिलने से व्यक्ति आगे बढ़ता है।
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यदि मस्तिष्क रेखा बंटकर इससे निकली एक रेखा नीचे की ओर जाए तो ऐसा व्यक्ति कल्पनाशील होता है। यदि रेखा निकलकर मंगल क्षेत्र की ओर चली जाए तो यह साहस को दर्शाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कल्पनाशील और यथार्थवादी दोनों गुण मिलते हैं। यदि जीवन रेखा दो भागों में बंट जाए तो ऐसे लोग संघर्ष से नहीं घबराते। यदि एक भाग शुक्र की ओर जाए तो ऐसे लोगों को पैतृक संपत्ति से बहुत लाभ मिलता है। ऐसे लोग जीवन में बहुत धनी होती है। हस्तरेखा में इन तीनों ही रेखाओं के दो भागों में बंटने को शुभ माना गया है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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