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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का पूजन गुरूवार को किया जाएगा। इस वर्ष गुरुवार को वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के पूजन का शुभ संयोग प्राप्त हो रहा हैंl सरस्वती पूजा के दिन पांच विशेष योग बन रहे हैं। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पं. मार्केण्डेय दूबे ने बताया गुरुवार को सर्वार्थसिद्धि योग, शिव योग, सिद्ध योग गजकेसरी योग व रवि योग में मां सरस्वती का पूजन किया जाएगाl विद्या के अनुरागी श्रद्धालु जनों के लिए विद्यालय समेत अपने निवास या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित कर पूजन करने के लिए यह एक सुंदर संयोग प्राप्त हो रहा हैl

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बसंत पंचमी के दिन होती है मां सरस्वती की पूजा

देवी सरस्वती को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है। यही कारण है कि इस दिन ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति के लिए सरस्वती मां को पूजा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसके पीछे एक एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। जिसके अनुसार बसंत पंचमी के दिन भगवान ब्रह्मा ने मां सरस्वती की रचना की थी। ब्रह्मा जी ने एक ऐसी देवी की संरचना की, जिनके चार हाथ थे। एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला व चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को वीणा बजाने के लिए कहा व मां सरस्वती ने वीणा को बजाया। जिसके बाद संसार की सभी चीजों में स्वर आ गया। जिसके चलते ब्रह्मा जी ने सरस्वती को वाणी की देवी नाम से अलंकृत किया।

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