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कई बार खूब मेहनत के बावजूद मनवांछित सफलता नहीं मिल पाती। ऐसा होने पर हम मानते हैं कि भाग्य साथ नहीं दे रहा। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में भाग्योदय का समय तय है। इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि व्यक्ति को अनुकूल परिणाम मिलने में ग्रहों की अनुकूलता होने लगती है। यदि ग्रह आपके अनुकूल हैं तो आपको अपने किए गए प्रयायों के अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि भाग्योदय हो गया है तो परिश्रम और कर्म करना ही छोड़ दें। ऐसा करने पर भाग्य अनुकूल होने के बावजूद कोई परिणाम नहीं दे पाएगा। हाथ में भाग्य की अनुकूलता एवं उदय की स्थिति सूर्य रेखा से पता चलती है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि किसी जातक के हाथ में सूर्य रेखा हृदय रेखा के पास से शुरू हो रही है तो इनका भाग्योदय 56 साल के आसपास होगा। लेकिन यह तभी संभव होगा जब जातक के हाथ में अच्छी एवं स्पष्ट सूर्य रेखा भी हो। यह स्थिति होने पर व्यक्ति का चौथा चरण सुखमय होता है। 

क्या ऐसा है आपका सूर्य पर्वत, तो यह बनेंगे आप

हाथ में मणिबंध या इसके आसपास से शुरू होने वाली सूर्य रेखा भाग्य रेखा के पास एवं समानान्तर अपने स्थान को पहुंच तो हस्तरेखा विज्ञान में इसे अच्छी स्थिति माना गया है। ऐसे लोग जिस काम में भी हाथ डालते हैं वहां सफलता, सम्मान और पैसा सबकुछ पाते हैं। हालांकि स्थिति इसके उलट होने पर यदि सूर्य रेखा ना हो, अथवा कटी एवं टूटी होकर छोटे-छोटे टुकड़ों में आगे बढ़े तो ऐसे व्यक्ति का जीवन निराशामय हो जाता है। यदि भाग्य रेखा भी नहीं है तो स्थिति और खराब हो सकती है। 

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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