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भारतीय ज्योतिष विज्ञान में रत्नों का विशेष महत्व है। रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होते हैं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि हम किसी काम को बेहद मेहनत और शिद्दत के साथ करते हैं पर किसी न किसी वजह से उस काम में हमें सफलता नहीं मिलती। ऐसे में हम अक्सर खुद को दोष देने लगते हैं। लेकिन इसके पीछे ग्रहों की खराब दशा भी हो सकती है। ग्रहों को बुरी दशा को ठीक करने के लिए ज्योतिष उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

रत्न शास्त्र में जमुनिया रत्न का अपना एक विशेष महत्व है। जमुनिया शनि ग्रह का रत्न है जो कि न्याय और मानवता का ग्रह है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति अपने कार्य के प्रति अधिक समर्पित हो जाता है। रत्न को धारण करने से व्यापार में हो रहे नुकसान से राहत मिलती है और नौकरी व करियर में आ रही रुकावट दूर हो जाती है। घर से नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है और रीढ़ की हड्डी, घुटने या हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

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शनि ग्रह से संबंधित इस रत्न को धारण करने के लिए शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह रत्न देखने में चमकीले नीले रंग का होता है। यह देखने में बिल्कुल नीलम रत्न की तरह होता है। लेकिन उसकी तरह कीमती नहीं होता इसलिए इसे धारण करना आसान होता है।

 कैसे करें धारण

इसे शनिवार के दिन चांदी के लॉकेट या अंगूठी में धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले इसे सरसों के तेल में भिगोकर रखें और उसके बाद गंगाजल से शुद्ध कर शनि मंत्र का 108 बार जाप करें। इसे हमेशा दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

 

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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