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हिंदी पंचांग के अनुसार साल के नौवें महीने को अगहण मास के नाम से जाना है। इसे मार्गशीर्ष मास भी कहते हैं। इस साल 9 नवंबर से अगहन मास की शुरुआत हो चुकी है। यह महीना भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें मास में भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न तरह के व्रत और पूजन किए जाएंगे।

कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन 9 नवंबर से अगहन मास की शुरुआत हो रही है। अगहन मास में भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं व्रत और पूजन करती है।

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जिससे उनकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।

  अगहन मास में करें ये खास उपाय-

1. इस मास में शंख पूजा का विशेष महत्व है। भगवान श्री कृष्ण को शंख बेहद प्रिय है।

2.यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में है तो अग्रहण मास या मार्गशीर्ष मास में सफेद कपड़े में चावल ,शंख और बताशे लपेट कर किसी नदी में बहा दें। ऐसा करने से व्यक्ति हमेशा के लिए शुक्र दोष से मुक्त हो जाएगा। 

3.अग्रहण मास में विष्णु मंदिर के अंदर शंख दान करें। शंख दान करने से पूर्व इस बात की जांच कर लें कि शंख टूटा न हो और कभी- भी प्रयोग में न लाया गया हों।

4.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शंखों में भी मोती शंख का अपना विशेष महत्व है। अग्रहण मास में चावल को केसर से रंग कर उसे लाल कपड़े में मोती संघ के साथ बांधकर, घर की तिजोरी में रखने से घर में धन की कमी नहीं होती और परिवार के सभी सदस्यों को धन-लाभ की प्राप्ति होगी।

5.अगहन मास में प्रतिदिन स्नान करने के बाद सबसे पहले मंदिर में रखे शंख की अक्षत, कुमकुम से पूजा करें। 

6.गुरुवार के दिन शंख में केसर युक्त दूध भरकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सुख -समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

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