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-यदि अंगूठा लंबा और जीवन रेखा गोल हो, शुक्र पर्वत सामान्य हो, भाग्य रेखा के बराबर में दो या तीन छोटी रेखाएं बन रही हों तो यह अशुभ स्थिति नहीं है। ऐसे लोगों को चौड़ी भाग्य रेखा होने के बावजूद जीवन में चीजें मिल जाती हैं।

-यदि अंगूठा मोटा और छोटा है, शुक्र पर्वत उठा हुआ है, मस्तिष्क और जीवन रेखा दूर से जाकर अलग हो रही हैं तो ऐसे लोगों का जीवन संघर्षमय रहता है। ऐसे लोगों को पारिवारिक कष्ट मिलता है। 

-यदि मस्तिष्क रेखा गोल हो और दोषरहित हो, बुध की उंगली बहुत छोटी ना हो तो यह अच्छी स्थिति है। ऐसे लोगों को कम संघर्ष करना पड़ता है।  

-हृदय रेखा टूटी हुई हो और भाग्य रेखा मोटी तो व्यक्ति जीवन में कष्ट पाता है। ऐसा व्यक्ति अपने कर्मों के चलते कष्ट भोगता है।  

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-मोटी भाग्य रेखा चारित्रिक दोष को भी दर्शाती है। ऐसे लोग गलत रास्ते पर चल देते हैं।

-मोटी भाग्य रेखा पर द्वीप बनने पर संघर्ष और बढ़ जाता है। ऐसे लोगों के वैवाहिक जीवन में अधिक दिक्कतें आती हैं। लेकिन गुरु की लंबी पतली है तो यह दोष कम हो जाएगा। 

-यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा से ना निकले और स्वतंत्र रहे तो ऐसे व्यक्ति मनमाने होते हैं। इन लोगों को वैवाहिक सुख नहीं मिल पाता। मोटी भाग्य रेखा जीवन रेखा से ना मिले तो जीवन में संघर्ष और विवाद बढ़ता है। 

-यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर जाकर रुक जाए और अंगूठा एल आकार में ना खुले तो व्यक्ति बार-बार गलतियां करके धन का नुकसान करता है। 

 (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

 

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