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हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ में मंगल पर्वत के दो क्षेत्र होते हैं। इसमें पहला है उच्च मंगल और दूसरा निम्न मंगल। हथेली में जीवनरेखा जिस स्थान से शुरू होती है उसके नीचे का क्षेत्र मंगल क्षेत्र कहलाता है। इस पर्वत को साहस का प्रतीक माना गया है। जो व्यक्ति मंगल प्रधान होता है वह साहसी, निडर एवं शक्तिशाली विचारों का होता है। यदि मंगल पर्वत पर कोई रेखा है तो व्यक्ति ऊर्जावान रहता है। ऐसे लोग साहसी एवं पराक्रमी भी हेाते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार मंगल पर्वत पर क्रॉस का निशान होना अच्छा नहीं है। इस स्थिति में व्यक्ति लड़ाई में अपनी जान गंवा सकता है।
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मंगल के साथ ही हथेली में शनि पर्वत भी बेहद महत्वपूर्ण है। मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत स्थित होता है। हाथ में भाग्य रेखा शनि पर्वत पर आकर रुकती है। हस्तरेखा विज्ञान में शनि पर्वत को भाग्य का प्रतीक माना गया है। यदि शनि पर्वत अच्छा है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। शनि पर्वत पर ज्यादा रेखाएं जीवन में समस्याओं का संकेत देती है। यदि शनि पर्वत पर कोई बिंदु है तो अचानक घटनाएं घटित हेाती हैं। यदि शनि पर वृत्त का निशान है तो ऐसा व्यक्ति आजीवन अविवाहित रहता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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