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हाथों में मणिबंध रेखाएं व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं। मणिबंध रेखा एक भी हो सकती हैं और एक से अधिक भी। ये उलझी हुई भी हो सकती हैं। मणिबंध रेखाओं को हस्त रेखाओं का मूल भी कहा जाता है। यदि हाथ में दो मणिबंध रेखाएं हैं तो यह मजबूत मनोबल का संकेत देती हैं। मणिबंध रेखाएं व्यक्ति में हिम्मत बढ़ाती हैं। यदि हाथ में एक ही मणिबंध रेखा हो और जीवन रेखा भी इससे जुड़ी हो तो व्यक्ति सुखी और लंबा जीवन जीता है। लेकिन यदि मणिबंध रेखा बीच में टूटी हुई हो अथवा दो रेखाएं आधी-अधूरी बन रही हों तो यह जीवन में रोग का संकेत देता है। ऐसे लोगों की 40 साल की उम्र में कोई रोग घेर सकता है। यह रोग व्यक्ति को जीवनभर परेशान कर सकता है।
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यदि ऊपर की मणिबंध रेखा तो पूरी हो, लेकिन नीचे की दूसरी मणिबंध रेखाएं इसे काटती हुई ऊपर की ओर जाएं तो यह जीवन में व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा लेती हैं। यदि कलाई पर टूटी अथवा बिखरी हुई मणिबंध रेखाएं हों तो ऐसे लोगों को बुढ़ापे में संतान का सुख नहीं मिलता। यदि मणिबंध रेखाएं तीन या इससे अधिक हों तो बुढ़ापे में संतान का सुख मिलता है। हाथ में मणिबंध रेखाएं पूरी नहीं बन पाती तो यह कॅरियर को प्रभावित करती हैं। ऐसे लोग नौकरी और व्यापार को लेकर उलझन में रहते हैं। ऐसे लोग आर्थिक रूप से परेशान भी होते हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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