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प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष अराधना की जाती है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ती है। मार्गशीर्ष माह में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन यानी 2 दिसंबर को हैं। त्रयोदशी तिथि 1 दिसंबर को रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से शुरू हो कर 2 दिसंबर को रात्रि 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी जो कि 03 दिसंबर को शाम को 04 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। प्रदोष व्रत उदायतिथि के नियमानुसार रखा जाता है और शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है, जिस वजह से प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का संयोग बेहद शुभ और खास होता है। आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें भगवान शिव की पूजा- अर्चना…
पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- अगर संभव है तो व्रत करें।
- भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
- इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
- भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव की आरती करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें-
जल
- शिवजी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है शिवलिंग पर जल चढ़ाना।
दूध
- शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न होते हैं।
दही
- शिवलिंग पर दही भी अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने व्यक्ति परिपक्व बनता है और जीवन में स्थिरता आती है।
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देसी घी
- शिवलिंग पर देसी घी अर्पित करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।
चंदन
- शिवलिंग पर चंदन अवश्य लगाएं।
पूजा के शुभ मुहूर्त-
प्रदोष काल- 2 दिसंबर 05:24 पी एम से 08:07 पी एम
महाशिवरात्रि पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त-
- 2 दिसंबर रात्रि 11:44 पी एम से 12:38 ए एम, दिसम्बर 03
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