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सामान्य स्थिति में हृदय रेखा शनि पर्वत अथवा बृहस्पति पर्वत तक पहुंचती हैं, लेकिन कुछ हाथों में हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा की ओर झुक जाए तो यह अच्छा संकेत नहीं है। हृदय रेखा संवेदना और स्वभाव को दर्शाती है, ऐसे में इस रेखा का मस्तिष्क रेखा की ओर झुकना संवेदना और स्वभाव में बदलाव को दिखाती है। यदि हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा पर गिरती हुई दिखे तो इसका मतलब है कि व्यक्ति का भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे लोग निर्णय लेने में गलती करती हैं और रिश्तों में धोखा खाते हैं। इस तरह के लोगों से दूसरे लोग पैसे अधिक मांगते हैं, लेकिन वापस नहीं करते। हृदय रेखा के मस्तिष्क रेखा पर गिरने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को पैसों का नुकसान अधिक होता है। लोग इनका गलत फायदा उठाते हैं। 

-यदि हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा पर गिरकर इसे काट दे तो इसका मतलब है कि आप निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरे लोगों के धोखों का अत्यधिक शिकार हो जाते हैं। ये बार-बार धोखा खाते हैं। 

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-यदि हृदय रेखा सीधे जा रही हो, लेकिन इससे एक शाखा निकलकर मस्तिष्क रेखा मिल जाए तो इसका मतलब है व्यक्ति का कुछ लोगों के प्रति झुकाव अधिक है। यदि हृदय रेखा से विभिन्न रेखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा तक पहुंच रही हो तो ऐसे लोग बार-बार धोखा खाते हैं। ऐसे लोगों से दूसरे लोग संबंध बनाते हैं और रुपये लेकर दूर चले जाते हैं। यदि व्यक्ति के पास पैसा नहीं है तो व्यक्ति भावनात्मक धोखा खाता है।  

-यदि हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा पर गिर गई हो और इससे एक रेखा निकलकर बृहस्पति पर्वत तक पहुंच जाए ऐसा व्यक्ति भावावेश में रहता है, लेकिन बाद में वह लोगों को समझने लगता है। 

-यदि हृदय रेखा पूरी तरह से मस्तिष्क रेखा पर ही झुक जाए तो यह अच्छा संकेत नहीं है। यह व्यक्ति भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता। ऐसे लेाग अत्यधिक धोखा पाते हैं। ये भावनात्मक और धन दोनों स्तर पर ऐसे लोग नुकसान उठाते हैं

 (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

 

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