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व्यापारिक संस्थान में खड़ी हुई लक्ष्मी जी का चित्र अथवा मूर्ति रखें। घरों में बैठे हुई लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति होती है। भारतीय फेंगशुई अपने भारतीय मान, बिन्दु और प्रतीकों का अनुसरण करते हुए हमें व्यापारिक स्थानों में देवता की मूर्ति और उसके तरीकों के बारे में बताती है। व्यापारिक संस्थानों में उत्तर-पूर्व दिशा में मंदिर का स्थान होना चाहिए। यदि वहां संभव नहीं है तो चेयरमैन अथवा निदेशक के कमरे या केबिन में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर भगवान जी का मंदिर रखें। मंदिर ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। लकड़ी का छोटा मन्दिर रखें  जिसमें लक्ष्मी,गणेश एवं सरस्वती की मूर्ति आ सके। अक्सर देखा जाता है कि दिवाली पर लोग लक्ष्मी-गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति घर में स्थापित करते हैं। घर के लिए तो बैठी हुई लक्ष्मी, सरस्वती एवं गणेश जी की प्रतिमा अच्छी होती है, लेकिन व्यापारिक संस्थानों में लक्ष्मी जी, गणेश जी और सरस्वती की मूर्ति खड़ी हुई होनी चाहिए।

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बैठे हुई लक्ष्मी जी की स्थापना से धन में स्थिरता आती है जो घर के लिए तो अच्छा है, लेकिन व्यापार में स्थिरता अच्छी नहीं मानी जाती। व्यापार को निरंतर बढ़ाने के लिए मां लक्ष्मी एवं गणेश जी की मूर्ति खड़ी रखें। गणेश जी की मूर्ति भी खड़ी होनी चाहिए, क्योंकि बल, बुद्धि, विवेक के स्वामी गणेश जी यदि बैठ गए तो हमारे मन में निर्णय क्षमता कम हो जाएगी। उल्टे सीधे निर्णय लेने से हमारा व्यापार पर असर पड़ेगा जिससे परिणाम ठीक नहीं आएंगे। सोचने की शक्ति भरपूर मिलती रहे इसके लिए गणेश जी की मूर्ति भी खड़ी हुई होनी चाहिए और जो व्यापारी लक्ष्मी और गणेश जी के साथ-साथ सरस्वती मां की मूर्ति रखते हैं तो वह भी खड़ी ही होनी चाहिए। सरस्वती ज्ञान का कारक है और हमारा ज्ञान एवं विवेक  निरंतर बढ़ना चाहिए, स्थिर नहीं होना चाहिए, इसलिए लक्ष्मी जी, गणेश जी और सरस्वती मां की फोटो को अथवा चित्र को खड़ी अवस्था में रखने से व्यापार बढ़ता रहेगा। निर्णय क्षमता बढ़ेगी। विवेक का प्रयोग करके व्यापार बढ़ेगा और ज्ञान बुद्धि का प्रयोग होता रहेगा, इसीलिए अपने प्राचीन मान बिंदुओं को ही सम्मान दें , उन्हें अपने व्यापार स्थल और घर में स्थापित करें और अपने व्यापार को बढ़ाएं।

  (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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