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हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि व्रत को सकट चौथ भी कहते हैं। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है। इसे तिल चतुर्थी, तिलकूट चतुर्थी या वक्रतुंड चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। सकट चौथ के दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस पावन दिन भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए आरती जरूर करें। भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आगे पढ़ें भगवान श्री गणेश की आरती- 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

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अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

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