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हस्तरेखा विज्ञान में गुरु पर्वत को छोड़कर अन्य कहीं भी क्रॉस के निशान को अच्छा नहीं माना गया है। गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान जहां शुभ परिणाम देता है वहीं अन्य पर्वत पर इसके नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। यदि व्यक्ति के केतु पर्वत पर क्रॉस का निशान मिलता है तो व्यक्ति की शिक्षा प्रभावित होती है। चाहे वह पारिवारिक समस्या हो या फिर बीमारी, पढ़ाई में बाधा आती ही है। मंगल पर्वत पर क्रॉस का निशान झगड़े को प्रेरित करता है। कई बार इस स्थिति में व्यक्ति को जेल भी जाना पड़ता है। क्रॉस का अधिक व्यापक होना जातक को सुसाइड की ओर भी ले जाता है। राहु पर्वत पर क्रॉस का चिह्न भी शुभ नहीं माना गया है। इस पर्वत पर क्रॉस का निशान युवा अवस्था में पीड़ा देता है। कई बार इस तरह के जातक गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं। गुरु पर्वत पर क्रॉस के शुभ परिणाम मिलते हैं।
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हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि इस पर्वत पर निशान है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को जीवनसाथी शिक्षित और उच्च कुल से मिलेगा। गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान सुखी वैवाहिक जीवन का संकेत भी देता है। शनि पर्वत पर क्रॉस का निशान व्यक्ति के जीवन में गंभीर चोट का संकेत करता है। सूर्य पर्वत पर क्रॉस का चिह्न व्यक्ति को अपमान दिलाता है। व्यापार में ऐसे लोगों को निरंतर घाटा होता रहता है। बुध पर्वत पर क्रॉस का निशान व्यक्ति को झूठी प्रवृत्ति और धोखेबाज बनाता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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