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चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र में मातारानी अश्व पर सवार होकर आएंगी। चैत्र नवरात्र के साथ ही नवसंवत्सर 2079 का भी प्रारंभ होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवसंवत्सर नल नामक होगा और यह विकास कार्यों, आर्थिक स्थिति और करियर के लिए बहुत शुभ होगा।
नवरात्रि का समापन रविवार को हो रहा है इसलिए माता की विदाई महिष (भैंसे) की सवारी पर होगी।
राजा होंगे शनि और मंत्री होंगे बृहस्पति : नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि महाराज होंगे और मंत्री बृहस्पतिदेव रहेंगे। जिस दिन से चैत्र नवरात्र का प्रारंभ होता है, उसके देव ही अधिपति यानी राजा होते हैं।
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चैत्र नवरात्र और नवसंवत्सर 2079 कल से, घट स्थापना का विशेष मुहूर्त प्रात: 06.01 से 08.29 तक
घट स्थापना का मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नम:
या
ऊं दुं दुर्गायै नम:
लप्रतिपदा 2 अप्रैल शैलपुत्री
द्वितीय 3 अप्रैल ब्रह्मचारिणी
तृतीया 4 अप्रैल चंद्रघंटा
चतुर्थी 5 अप्रैल कूष्मांडा
पंचमी 6 अप्रैल स्कंदमाता
षष्टी 7 अप्रैल कात्यायनी
सप्तमी 8 अप्रैल कालरात्रि
अष्टमी 9 अप्रैल महागौरी
नवमी 10 अप्रैल सिद्धिदात्री, रामनवमी
अगर आप भी चैत्र नवरात्रि में करने जा रहे हैं घटस्थापना, तो यहां समझें कलश स्थापना की संपूर्ण विधि व मुहूर्त
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