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आगामी आठ नवम्बर मंगलवार को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वी भाग में खग्रास और शेष भारत में खंडग्रास रूप में दिखेगा। सूतक संपूर्ण भारत में मानना चाहिए। ऐसे संपूर्ण संसार में चंद्र ग्रहण की शुरूआत दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से होगी पर भारत में चंद्रग्रहण की शुरूआत शाम 5.29 बजे से 6.19 बजे शाम तक की अवधि में होगी।
यह जानकारी सीमांचल के जानेमाने पुरोहित व पंडित पतंजलि शर्मा उर्फ बंटी बाबा ने कही। उन्होंने बताया की भारत में यह ग्रहण चंद्रोदय से स्पर्श में आएगा और 6.19 बजे पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में चंद्रग्रहण पूर्ण होगा और शेष भारत में आंशिक ही नजर आएगा।
सूतक काल संपूर्ण भारत में सुबह 8 बजकर 40 मिनट से प्रारम्भ होगा और लगभग शाम 5.00 बजे से 6.15 बजे तक सम्पूर्ण भारत में अलग-अलग स्थान के चंद्रउदय के अनुसार ग्रहण का स्पर्श होगा। कहा कि 15 दिन के अन्दर यह दूसरा ग्रहण है, और एक पक्ष में दो ग्रहण समाज, देश और संसार के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा की मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि के लिए लाभकारी जबकि मेष, वृष, कन्या और मकर राशि के लिए भारी है। अन्य राशियों के लिए ग्रहण सम फल देगा।
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8 नवम्बर को शाम ग्रहण शुद्धि के बाद देव दिवाली भी है। चंद्र या सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और शास्त्रीय भी सूतक काल में शुभ कार्य नहीं होत। वृद्ध, बालक, गर्भवती और रोगी को छोड़कर अन्य की सूतक काल में भोजन नहीं लेना चाहिए। और ग्रहण की अवधि में अपने इष्ट का स्मरण करे। भय न रखे।। क्योंकि कबीर जी के पुत्र कमाल ने कहा है चलती चाकी देखकर हंसा कमाल उठाय। कीले सहारे जो रहा ताहि काल न खाय। अपने इष्ट का स्मरण करें सब सही होगा।
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