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आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी होती है। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी रविवार को है। मान्यता है कि इस दिन से आने वाले चार महीनों तक भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में इन चार महीनों के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।
क्षेत्र के पंडित अवधेश द्विवेदी के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की खास पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन दान-पुण्य का खास महत्व होता है। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी दूर करने के लिए देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का केसर मिले हुए दूध से अभिषेक करें।
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स्वास्थ्य के लिए दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। पापों से मुक्ति पाने के लिए नहाने के पानी में थोड़ा सा आंवले का रस मिलाएं और इस पानी से स्नान करें। सौभाग्य प्राप्ति के लिए ब्राह्मणों को दान जरूर दें। इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, क्रोध, गलत विचारों व कर्मों से दूर रहना चाहिए।
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