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Dussehra 2022 Grah: नवरात्रि के समापन के साथ ही दशहरा या विजयादशमी का पावन पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन ही भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था। दशहरे के दिन बेहद शुभ माना गया है। इस दिन बिना मुहूर्त ही शुभ या मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। जानें इस साल दशहरे पर ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी-
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दशहरे के दिन ग्रहों की स्थिति-
दशहरे के दिन कन्या राशि में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह की युति हो रही है। इस दिन देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। शनि अपनी स्वराशि मकर में रहेंगे। राहु मेष राशि में हैं। तुला राशि में केतु रहेंगे। मंगल वृषभ राशि में रहेंगे।
दशहरे के दिन विजय मुहूर्त की अवधि-
दशहरे के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगा, जो कि 02 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा। विजय मुहूर्त की अवधि 47 मिनट की है।
अपराह्न पूजा का समय – 01:20 पी एम से 03:41 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
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दशहरे को लेकर ये कथा भी है प्रचलित-
एक कथा के अनुसार जब दुर्योधन ने पांडवों को बारह वर्ष तक वनवास और एक वर्ष तक अज्ञातवास दिया था, तो अज्ञातवास के समय अर्जुन अपने धनुष-वाण शमी के वृक्ष में छिपा कर विराट राजा के यहां नौकरी करने लगे थे। एक दिन विराट राजा का पुत्र उत्तर कुमार गायों की रक्षा के लिए कौरवों से लड़ने गया, तब शत्रुओं की प्रबल सेना देखकर उत्तर कुमार ने रणभूमि से भागने का उपक्रम किया, पर अर्जुन ने उसे रोककर अपने धनुष-वाण शमी के पेड़ से निकाले और शत्रुओं पर विजय प्राप्त की। इस प्रकार विजयादशमी प्राचीन काल से अधर्म पर धर्म की, पशुता पर मानवता की, राक्षसत्व पर देवत्व की विजय का दिन है।
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