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Mahashivratri Vrat 2023 : साल में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। वहीं ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को भोलेनाथ दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। शिवपुराण में उल्लेखित एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था। इस दिन विधिवत आदिदेव महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का निवारण होता है। आइए जानते हैं, साल 2023 में महाशिवरात्रि का पावन पर्व कब मनाया जाएगा…
महाशिवरात्रि डेट- 18 फरवरी 2023, शनिवार
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महाशिवरात्रि पूजा विधि…
- इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- इस समय कोरोना महामारी की वजह से घर में ही भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- अगर घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें।
- भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें।
- भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
- भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान की आरती करना न भूलें।
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महाशिवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट
- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
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