Hindustan Hindi News

[ad_1]

  • मकर संक्रांति का पुण्य काल दोपहर दो बजकर 43 मिनट से शुरू
  • उदयातिथि मानने वाले श्रद्धालु 15 जनवरी को मनाएंगे पर्व

तिल-गुड़ का करें दान

  • मकर संक्रांति के दिन सुबह नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सूर्य की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान गायत्री मंत्र एवं आदित्य हृदय स्त्रत्तेत का पाठ करना चाहिए। पूजा-अर्चना करने के बाद तिल, गुड़, कंबल आदि का दान करना चाहिए।

उभयचर व अमला योग

  • ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य से द्वितीय एवं द्वादश भाव में गुरु एवं शुक्र के रहने से उभयचर योग और चंद्रमा से दशम भाव में गुरु जैसे शुभ ग्रह के रहने से अमला योग बन रहा है। दोनों योग श्रद्धालुओं के लिए शुभ हैं। मकर संक्रांति को लेकर कई श्रद्धालुओं के बीच ऊहापोह की स्थिति है। आमतौर पर मकर संक्राति 14 जनवरी को मनाई जाती है। हालांकि, इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल चौदह जनवरी दोपहर दो बजकर 43 मिनट से शुरू हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि मानने वाले श्रद्धालु 15 जनवरी को पर्व मनाएंगे।

आने वाले 6 दिनों तक चमकेगा इन राशियों का सितारा, बरसेगी सूर्य, मंगल की विशेष कृपा

मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के बाद विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य शुरू हो सकेंगे। श्रद्धालुओं में असमंजस को दूर करते हुए विद्वानों ने कहा है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति दोपहर बाद से शुरू हो रही है, जो पंद्रह जनवरी दोपहर बाद तक रहेगी। पंचांगों के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। मकर संक्रांति का पुण्य काल 2 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक है।

मिथिला पंचांग के जानकार आचार्य माधवानंद (माधव जी) कहते हैं कि सूर्य धनु से मकर राशि में 14 जनवरी को ही प्रवेश कर रहा है। इसलिए 14 जनवरी को ही संक्रांति मनाया जाना शास्त्रत्त् के अनुरूप है। हालांकि बनारस पंचांग के जानकार उदया तिथि में संक्रांति मनाने का तर्क देते हैं। 14 जनवरी दोपहर में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद उदयातिथि 15 जनवरी पड़ने से बनारस पंचांग के विद्वान 15 जनवरी को मनाने की बात कह रहे हैं।

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *