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संतकबीरनगर में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति स्नान दान का सर्वोत्तम पर्व है। सौर मास के अनुसार जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब माघ माह में मकर राशि की संक्रांति पड़ती है। राम जानकी मन्दिर गोविन्दगंज के आचार्य पं. महेश जी ने कही। उन्होंने कहा कि संक्रांति पर पावन नदियों व नजदीक पवित्र जलाशयों में स्नान दान कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व वैसे तो प्रत्येक माह में एक संक्रांति पड़ती है। हर वर्ष की मकर व मेष राशि की संक्रांति बड़ी महत्वपूर्ण होती है।

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अब शुरू होंगे मांगलिक कार्य :

मकर राशि पर पहुँचते ही सूर्य देव की उत्तरायण की यात्रा शुरू हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार मांगलिक कार्यों के लिए सूर्य का उत्तरायण अच्छा माना जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने व खरमास के खत्म होते ही शादी, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश सहित विविध मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर सुबह-सुबह गंगा स्नान या नजदीक के जलाशय अथवा घर पर ही स्न्नान कर गरीबों व जरूरतमंदों को तिल, खिचड़ी और कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है और नहाने के बाद सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

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