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माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस बार यह 21 जनवरी को शनिवार के दिन पड़ रही है। माघ अमावस्या शनिवार के दिन होने के कारण इसे शनिचरी अमावस्या भी कहेंगे। मौनी अमावस्या का शनिवार के दिन होने का संयोग वर्षों बाद पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं में इसदिन स्नान-दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
यह जानकारी देते हुए हरि ज्योतिष संस्थान लाइन पार के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा एवं हिमगिरि निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित केदान नाथ मिश्रा ने बताया इस दिन पूरे दिन अमावस्या तिथि रहने से श्राद्ध एवं पूजन करने से भी विशेष फल प्राप्त होगा। इस बार मौनी अमावस्या से पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद रात के अंत तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। इस दिन पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मातंग और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से चर नाम के दो शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन शनि अपनी स्वराशि कुंभ और गुरु अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे। सूर्य ग्रह मकर राशि में रहेंगे। इस दौरान सभी ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहेगी। इनका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा।
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पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
- इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
- पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
- इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
- इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
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