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माघ महीने की आमवस्या जिसे मौनी आमवस्या भी कहते हैं 21 जनवरी यानि आज मनायी जायेगी। इसको लेकर शहर के माल्देपुर घाट, महावीर घाट व शिवरामपुर घाट के साथ ही जिले के अन्य गंगा व सरयू नदी के घाटों पर साफ-सफाई व सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गयी है।
मौनी अमावस्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए फेफना थाना क्षेत्र के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि शनिवार होने से अबकी बार मौनी आवमस्या पर शनिचरी अमवास्या योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सूर्य,शनि,शुक्र के युति होने से 30 साल बाद खप्पर योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन नदियों में स्नान से पाप का नाश व आरोग्यता में वृदि्ध होती है।
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डॉ. उपाध्याय ने बताया कि इस दिन गर्म वस्त्र दान,अन्न दान , पितरों के नाम तर्पण, गुड़, घी, तिल ,शहद युक्त खीर गंगा में प्रवाहित करने से पितरों को तृप्ति मिलती है, जिससे घर में सुख समृद्धि,संतान प्राप्ति, और भाग्य का उदय होता है। बताया कि मौनी आमवस्या पर भगवान शिव को केसर का दूध चढ़ाने से स्वास्थ्य उत्तम होता है और अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है। इस दिन पंचामृत अभिषेक से आर्थिक संकट से मुक्ति,नाग पूजन से कालसर्प दोष से मुक्ति,संध्याकाल में घृत युक्त लाल धागे से दीपक जलाकर तुलसी पूजन से विकट परिस्थितियों से मुक्ति मिलती है।
घी का दीपक जलाने से यमफंद यानी कि मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। यहां तक कि अकाल मृत्यु तक का योग नष्ट हो जाता है। इस दिन दही तिल तामसिक चीजों को खाना इस दिन निषेध है। बताया कि अमावस्या पर खप्पर योग शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष होता है।
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