[ad_1]
वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों का चाल और उनमें होने वाले बदलाव का विशेष महत्व है क्योंकि इससे जीवन में आने वाले परिवर्तन और प्रगति का अनुमान लगाया जा सकता है। ग्रह रोजाना अपनी चाल बदलते रहते हैं और उस दौरान वह कई राशियों और नक्षत्रों से होकर गुजरते हैं। ग्रहों की चाल को देखकर भविष्य में होने वाली घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बुध ग्रह 14 अक्टूबर शुक्रवार के दिन सुबह 7:47 मिनट पर हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
मंगल ग्रह 16 अक्टूबर रविवार के दिन सुबह 7:49 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा।
सूर्य ग्रह 17 अक्टूबर सोमवार के दिन शाम 7:36 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेगा।
केतु ग्रह 18 अक्टूबर मंगलवार के दिन प्रातः काल 3:34 बजे स्वाति नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
शुक्र ग्रह 18 अक्टूबर मंगलवार के दिन को रात्रि 9:50 बजे तुला राशि में प्रवेश करेगा।
बृहस्पति ग्रह 19 अक्टूबर बुधवार के दिन शाम 6:36 मिनट पर उत्तर भाद्रपद पाद में संक्रांति करेगा।
ग्रहों की बदली चल के कारण इस सप्ताह किस तिथि को मनाया जाएगा कौन सा त्योहार
ये भी पढ़ें-Ahoi Ashtami 2022: क्यों करते हैं अहोई अष्टमी व्रत ,जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
रोहिणी व्रत (शुक्रवार, 14 अक्टूबर): जैन समुदाय के लोगों के लिए यह व्रत बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
कालाष्टमी (सोमवार, 17 अक्टूबर): यह हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान मनाया जाता है। इस दिन भगवान भैरव के भक्त उपवास रखने के साथ- साथ उनकी पूजा करते हैं।
अहोई अष्टमी (सोमवार, 17 अक्टूबर): माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए इस दिन व्रत करती है। शाम को चंद्रमा देखने के साथ इस व्रत का समापन होता है।
तुला संक्रांति (सोमवार, 17 अक्टूबर): तुला संक्रांति को गर्भना संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास का पहला दिन तुला संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। चावल की अच्छी फसल होने के कारण किसान अपनी उपलब्धि के तौर पर इस त्योहार को मनाते हैं। ओडिशा और कर्नाटक में इस त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता है।
[ad_2]
Source link
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!