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इस सप्ताह हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व धनतेरस, दीपावली, भाई दूज और गोवर्धन पूजा भारत के साथ- साथ विभिन्न देशों में मनाई जाएगी। इस सप्ताह ध्यान देने योग्य एक और घटना होने जा रही है। इस सप्ताह शनि आगे बढ़ेगा और तीन महीने बाद अधिक प्रत्यक्ष हो जाएगा ,साथ ही बुध ग्रह 26 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करने जा रहा है।
धनतेरस (शनिवार, 22 अक्टूबर): धनत्रयोदशी जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है।पांच दिनों तक चलने वाले दीपावाली पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ हो जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी इसलिए धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और उनके साथ धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
दीपावाली (सोमवार, 24 अक्टूबर): दीपावली के दिन ज्यादातर लोग अपने घर और ऑफिस को गेंदे के फूल, अशोक, आम और केले के पत्तों से सजाते हैं। घर के मेन गेट के दोनों ओर कलश को बिना छिलके वाले नारियल से ढक कर रखना बेहद शुभ माना जाता है।पूजा का मुहूर्त शाम 06:53 बजे से रात 08:16 बजे तक है।
आंशिक सूर्य ग्रहण (मंगलवार, 25 अक्टूबर): यह साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।
भाई दूज (बुधवार, 26 अक्टूबर): भैया दूज पर, बहनें अपने भाइयों के लिए टीका समारोह करके उनके लंबे और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। भैया दूज को भाऊ बीज, भातरा द्वितीया, भाई द्वितीया और भथरू द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:12 बजे से दोपहर 03:27 बजे तक है।
गोवर्धन पूजा (बुधवार, 26 अक्टूबर): इस दिन भगवान कृष्ण ने स्वर्ग के देवता इंद्र को हराया था। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जी और पत्तेदार सब्जियों जैसे अनाज से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।
अशुभ राहु काल-
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। ग्रहों के संक्रमण के दौरान राहु के प्रभाव में आने वाले समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस समय के दौरान शुभ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करना राहु के पापी स्वभाव के कारण बाधित होता है। कोई भी शुभ काम करने से पहले राहु काल पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। ऐसा करने से मनोवांछित फल प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। इस सप्ताह के लिए राहु काल का समय:
21 अक्टूबर: सुबह 10:40 बजे से दोपहर 12:06 बजे तक
22 अक्टूबर: सुबह 09:16 से 10:41 तक
23 अक्टूबर: शाम 04:19 से 05:44 तक
24 अक्टूबर: सुबह 07:52 से 09:16 तक
25अक्टूबर : दोपहर 02:53 से शाम 04:18 तक
26 अक्टूबर : दोपहर 12:05 से 01:29 तक
27अक्टूबर: दोपहर 01:29 से 02:52 तक
वैदिक ज्योतिष में प्रचलित ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर है। इसमें पांच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार दैनिक आधार पर सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच का अंतर्संबंध है।
पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे कि जन्म, चुनाव, प्रश्न (हॉरी), धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है। जन्मतिथि के आधार पर पंचांग हमारी भावनाओं और स्वभाव को दर्शाता है। इसके जरिए पता चलता है कि हम कौन हैं और कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के प्रभाव को बढ़ा कर हमें अधिक विशेषताओं के साथ प्रदान कर सकता है जिसे हम केवल हमारे जन्म चार्ट के आधार पर नहीं समझ सकते हैं। पंचांग जीवन शक्ति के लिए वह ऊर्जा है जो जन्म कुंडली को पोषण प्रदान करती है।
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