Description
इस कुंडली को हमारे धर्मशास्त्रों मे विद्यारम्भ संस्कार के समय बनाया जाता है जिसके माध्यम से हम बच्चों के विद्या , स्वास्थ्य और गुणों पर विशेष ध्यान देते हुए उसके जीवन 18 वर्षों तक होने वाली शुभाशुभ घटनाओं पर ध्यान रखते हुए अशुभ घटनाओं के निवारणार्थ रत्न , पुजा एवं औषधि का सुझाव देते है जिसके द्वारा मनुष्य अपने बच्चों के जीवन में होने वाली शुभाशुभ घटनाओं के लिये आश्व्स्त हो सकता है ।
Reviews
There are no reviews yet.