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पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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सफला एकादशी- दिसम्बर 30, 2021, गुरुवार

मुहूर्त-

  • पौष, कृष्ण एकादशी प्रारम्भ – 04:12 पी एम, दिसम्बर 29
  • पौष, कृष्ण एकादशी समाप्त – 01:40 पी एम, दिसम्बर 30

पारणा समय-

  • 31 दिसम्बर को 07:14 ए एम से 09:18 ए एम
  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 10:39 ए एम

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एकादशी पूजा- विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान की आरती करें। 

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  • भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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