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Shani Dhaiya on Kark and Vrishchik rashi: शनिदेव को ग्रहों का न्यायाधीश माना गया है। न्याय देवता शनिदेव हर जातक को उसके कर्मों से हिसाब से फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले जातकों को शुभ फल प्रदान करते हैं और बुरे कार्यों में लिप्त लोगों को दंडित करते हैं। हर मनुष्य को जीवन में एक बार शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या का सामना करना पड़ता है। शनि के राशि परिवर्तन का सीधा असर पांच राशियों पर पड़ता है। शनि गोचर से कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है और कुछ राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव होता है। साल 2023 में कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि की महादशा शुरू होने वाली है। जानें यहां-
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कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर कब शुरू होगी शनि ढैय्या-
शनि ग्रह ने अप्रैल 2022 में मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। शनि गोचर से मिथुन व तुला राशि वालों से शनि ढैय्या हट गई थी और कर्क व वृश्चिक राशि के जातक ढैय्या के चपेट में आ गए थे। हालांकि जुलाई 2022 में शनि ने पुन: वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश कर लिया था। जिससे मिथुन व तुला राशि वालों पर फिर से शनि ढैय्या शुरू हो गई थी। अब शनिदेव 17 जनवरी 2023 को फिर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे फिर से कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी।
शनि ढैय्या के दौरान शनिदेव पहुंचाते हैं कष्ट-
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातकों को शनिदेव के अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान जातकों को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनिदेव हर ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं।
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शनिदेव के अशुभ प्रभावों से बचाव के उपाय-
शनिवार की शाम काले कुत्ते या काली गाय को रोटी खिलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने घर में सुख-समृद्धि आती है।
शनिवार के दिन शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने व शनि चालीसा का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिवार के दिन भगवान शिव का पूजन भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन शिव पूजन करने से करने शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
शनिवार के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। इस दिन तिल का सेवन व तिल मिले जल से स्नान भी लाभकारी माना गया है।
अगर संभव हो सके तो शनिवार के दिन नीले वस्त्र धारण करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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