[ad_1]
रविवार को स्नान, दान की शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होने से सोलह कलाओं से पूर्ण रहेगा। चंद्रमा की किरणें अमृत वर्षा करेंगी। इस दिन माता लक्ष्मी विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि शनिवार को रात 2:24 बजे शुरू हो गई है। रविवार को पूर्णिमा का मान पूरा दिन रहेगा। इस बार पूर्णिमा पर ग्रहों का शुभ योग बन रहा।
धनतेरस से शुरू होंगे इन 4 राशियों के अच्छे दिन, साल 2022 के अंत रहेंगे मौज में
ज्योतिष के आधार पर चंद्रमा और बृहस्पति मीन राशि में गजकेसरी योग बना रहे हैं। बुध और सूर्य मिलकर बुधादित्य और बुध और शुक्र मिलकर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण कर रहे हैं। साथ ही बुध भद्र नामक पंच महापुरुष, बृहस्पति हंस नामक पंच महापुरुष योग और शनिदेव श्राद्ध नाम पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं। शरद पूर्णिमा पर रात्रि के पहले पहर में खुले आसमान में खीर रखने की मान्यता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है। इससे खीर औषधीय गुणों से पूर्ण हो जाती है। कोजागरी की पूजा चंद्रोदय के बाद शुभ रहेगा।
[ad_2]
Source link
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!