Hindustan Hindi News

[ad_1]

Sharad Purnima 2022: हिंदू धर्म में आश्विन मास का बेहद महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान होती हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर 2022, रविवार को है। शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना जाता है।

इसे भी पढ़ें: 24 सितंबर को धन-संपदा का कारक ये बड़ा करेगा हलचल, इन 4 राशि वालों का बदलेगा भाग्य

शरद पूर्णिमा के दिन क्यों बनाते हैं खीर-

शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर खुले आसमान में रखने की मान्यता है। वैज्ञानिक तर्क के अनुसार, दूध में भरपूर मात्रा में लैक्टिक एसिड होता है। इस वजह से चांद की चमकदार रोशनी दूध में पहले से मौजूद बैक्टिरिया को बढ़ाने में सहायक होती है। खीर में पड़े चावल इस काम को आसान करते हैं। चावलों में पाए जाने वाले स्टार्च इसमें मदद करते हैं। कहा जाता है कि चांदी के बर्तन में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।

इसे भी पढ़ें: कुंभ राशि वालों पर चल रहा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टकारी चरण, जानें कब मिलेगी मुक्ति

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व-

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। मान्यता है कि इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती हैं। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन की देवी की विशेष कृपा होती है। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी में अमृत वर्षा होती है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन खुले आसमान में खीर रखने से उसमें अमृत मिल जाता है।

यह आलेख धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *