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मातृ नवमी। नवमी श्राद्ध। सौभाग्यवती स्त्रियों का श्राद्ध आज ही करना चाहिए। जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण। सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। शरद ऋतु। प्रात 7. 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकालम्। 19 सितंबर, सो
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