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वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है प्रत्येक दिशा को उसके महत्व के हिसाब से सजाया जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दक्षिण दिशा को खाली रखना चाहिए और उत्तर पूर्व दिशा में सामान रखने से सुख समृद्धि बनी रहती है। इन सभी बातों को जानकारी मिलती है। वास्तु शास्त्र एक बहुत पुरानी बहुत प्राचीन भारतीय परंपरा है इससे दिशाओं का ज्ञान होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बिना घर में एक आंगन जरूर होना चाहिए। घर में एक छोटा या बड़ा आंगन जरूर होना चाहिए आंगन में अनार, मीठी नीम, आंवला या किसी भी फूलदार पौधे का होना बेहद शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा को ईशान कोण भी कहते हैं। इस दिशा जल या जल को संग्रहित करने वाली चीजें बनानी चाहिए। जैसे यदि आप अपने घर में उत्तर- पूर्व दिशा में एक स्विमिंग पूल बनाते हैं। तो इससे घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
घर के दक्षिण दिशा में कोई भी भारी समान नहीं रखना चाहिए। इस दिशा को किसी भी तरीके से खुला रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में कोई गेट या खिड़की होने से घर में निगेटिव एनर्जी वास रहती है।
घर के दक्षिण -पश्चिम दिशा में किसी भी दरवाजे खिड़की का होना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुखिया का कमरा दक्षिण -पश्चिम दिशा की ओर बनाया जा सकता है।
पूर्व दिशा ,इस दिशा को आग्नेय कोण भी कहते हैं। इस दिशा का स्वामी अग्नि है इस दिशा में वास्तु दोष होने से घर का माहौल तनावपूर्ण और अशांत बना रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में अगर रसोई घर बनाए तो घर में शांति और खुशहाली बनी रहती है।
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