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सोमवार 30 मई को वट सावित्री का व्रत पर इस बार काफी अच्छा संयोग बन रहा है। इस दिन शनि जयंती के साथ सुबह 7:12 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होकर 31 मई सुबह 5:08 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषविदों की राय में इस खास योग में पूजा करने से फल कई गुना अधिक बढ़ जाएगा।

Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री व्रत पर वटवृक्ष की होती है परिक्रमा, भीगे चने खाने की भी है परंपरा

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ के लिए व्रत रखती हैं। वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा, परिक्रमा करके पति के जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना की जाती है। ज्योतिषाचार्य डा.सुशांतराज के मुताबिक वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने और रक्षा सूत्र बांधने से पति की आयु लंबी होता है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता वास करते हैं। इसलिए वृक्ष की पूजा करने से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

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