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यदि आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं अथवा मजबूरी में आप को पीपल का पेड़ कटवाना पड़ा है तो ऐसी स्थिति में योगिनी एकादशी का व्रत आप के लिए विशेष लाभदायक होगा। यह व्रत 24 जून है। योगिनी एकादशी के व्रत से अनेक कष्ट से मुक्ति पा सकते हैं।
आषाढ़ कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि 23 जून, गुरुवार को रात्रि 9 बजकर 42 मिनट पर लगेगी और 24 जून शुक्रवार रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इस दृष्टि से योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून को रखा जाएगा। इस एकादशी पर भगवान पुण्डरीकाक्ष, श्रीविष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ज्योतिषाचार्य विमल जैन बताते हैं कि योगिनी एकादशी के व्रत से कुष्ठ रोग के साथ ही अन्य व्याधियां भी समाप्त हो जाती हैं।
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पीपल वृक्ष को जाने-अनजाने काटने का दोष भी मिट जाता है। व्रत का पारण दूसरे दिन द्वादशी तिथि पर ईष्ट देवी-देवता, भगवान पुण्डरीकाक्ष एवं भगवान श्रीविष्णु की पूजा-अर्चना करने के पश्चात् करना चाहिए। यह व्रत महिला व पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फलदायी है।
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