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अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्तूबर को होगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु की कामना के लिए करती हैं।
अहोई अष्टमी व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है। सोमवार का दिन अष्टमी तिथि यह दोनों चीजें इस व्रत को खास बना रही हैं। अहोई अष्टमी का व्रत माता पार्वती को समर्पित है। इस व्रत में माताएं निर्जला व्रत रखते हुए उदय होते तारों को देख कर के व्रत का समापन करती हैं। जिस तरह करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा का महत्व है उसी तरह अहोई अष्टमी व्रत में तारों का विशेष महत्व है।
अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त-
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 17, 2022 को 09:29 ए एम बजे।
अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 18, 2022 को 11:57 ए एम बजे।
अहोई अष्टमी पूजन मुहूर्त-
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – 05:50 पी एम से 07:05 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 15 मिनट्स
गोवर्धन राधा कुण्ड स्नान सोमवार, अक्टूबर 17, 2022 को
तारों को देखने के लिये शाम का समय – 06:13 पी एम
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय – 11:24 पी एम
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अहोई अष्टमी पूजा विधि-
- दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं।
- रोली, चावल और दूध से पूजन करें।
- इसके बाद कलश में जल भरकर माताएं अहोई अष्टमी कथा का श्रवण करती हैं।
- अहोई माता को पूरी और किसी मिठाई का भी भोग लगाया जाता है।
- इसके बाद रात में तारे को अघ्र्य देकर संतान की लंबी उम्र और सुखदायी जीवन की कामना करने के बाद अन्न ग्रहण करती हैं।
- इस व्रत में सास या घर की बुजुर्ग महिला को भी उपहार के तौर पर कपड़े आदि दिए जाते हैं।
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