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फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि का पावन पर्व पड़ता है। इस साल 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है।  महाशिवरात्रि का दिन भोलेनाथ को प्रिय होता है। इस दिन विधि- विधान से भोलेनाथ की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की शरण में जो भी आता है भगवान शिव उसके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुछ राशियों पर भगवान शंकर की विशेष कृपा रहती है। इन राशि वालों के सहायक भोलेनाथ होते हैं। आइए जानते हैं किन राशियों पर रहते हैं भगवान शंकर मेहरबान- 

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मेष, मकर, कुंभ राशि वालों पर भगवान शंकर की विशेष कृपा रहती है। इन राशि वालों को भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए और लिंगाष्टकम का पाठ करना चाहिए। आगे पढ़ें लिंगाष्टकम स्तोत्र

  • लिंगाष्टकम स्तोत्र

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।

जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥1॥ 

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।

रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥2॥

सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।

सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥3॥

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।

दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥4॥

कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।

सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥5॥

देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।

दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥6॥

अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।

अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥7॥

सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।

परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥8॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

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