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हस्तरेखा विज्ञान में बुध पर्वत को महत्वपूर्ण माना गया है। बुध पर्वत बुद्धि और विवेक का भी प्रतीक है। इस पर्वत पर बनने वाली विभिन्न रेखाएं और चिह्न जीवन को प्रभावित करती है। इसी से जुड़ी है कनिष्ठा उंगली। यदि कनिष्ठा उंगली के पहले पर्व पर अनेक खड़ी रेखाएं हैं तो ये जातक को मजबूत मस्तिष्क देती हैं। यह रेखाएं व्यक्ति को संघर्ष के लिए मजबूत बनाती हैं। ये रेखाएं व्यक्ति को रोगों से लड़ने के लिए भी मजबूत बनाती हैं। इस तरह के लोगों की भाषा-शैली बहुत अच्छी होती है। यदि बुध पर्वत का पहला पर्वत ठीक है तो बहुत जल्दी बीमार नहीं पड़ते। लेकिन यदि पहले पर्वत पर क्रॉस का निशान हो अथवा कोई काला धब्बा हो तो यह व्यक्ति को विवेकहीन बनाता है। ऐसे लोग तोतले हो सकता है। ऐसे लोगों को एलर्जी भी परेशान करती है। 

हाथ में है यह रेखा तो ससुराल से मिलेगी धन-दौलत

यदि कनिष्ठा उंगली की दूसरे पर्व पर खड़ी रेखाएं हैं तो यह आपके व्यवहार को दर्शाता है। ऐसे लोग यदि पत्रकारिता के क्षेत्र में हो तो ये बहुत प्रमाणिक होते हैं। ऐसे लोग समाज के लोगों के घुलने-मिलने वाले होते हैं। इनका सामाजिक दायरा बहुत बड़ा होता है। ऐसे लोगों में समाज का नेतृत्व करने की क्षमता होती है। लेकिन यदि दूसरे पर्व पर निगेटिव रेखाएं हो तो यह व्यवहार में कटुता होती है। ऐसे लोग समाज में घुलते-मिलते नहीं हैं। ये लोग शिक्षा के क्षेत्र में बार-बार फेल होते हैं। तीसरा पर्व धनकारक माना गया है। यदि तीसरे पर्वत पर ज्यादा खड़ी रेखाएं तो व्यक्ति के जीवन में धन आता रहता है। लेकिन इस पर्व पर आड़ी रेखाएं हैं तो यह जीवन में धन के संघर्ष को दर्शाता है। ऐसे लोग जीवन में धन के लिए निरंतर संघर्ष करते रहते हैं और कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। 

 (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)


 

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