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माघ मास की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा कहते हैं। इस साल माघी पूर्णिमा पांच फरवरी को है। माघ पूर्णिमा को स्नान, दान एवं यज्ञ का बड़ा महत्व है। स्वास्तिक ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन देवता गंगा स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग की धरा पर आते हैं। इसी दिन माघ स्नान का अन्तिम स्नान होता है। इसी के साथ कल्पवास समाप्त होता है। पूर्णिमा तिथि चार फरवरी की रात 9:29 बजे से शुरू होकर पांच फरवरी की रात 11:58 बजे तक रहेगी। चूंकि उदयातिथि को यह व्रत आएगा इसलिए त्योहार पांच फरवरी को दिन में मनाया जाएगा। इस बार की माघ पूर्णिमा पर अश्लेषा नक्षत्र है।

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सीतापुर रोड स्थित हाथी बाबा मंदिर के ज्योतिषाचार्य पं. आनंद दुबे ने बताया कि इस दिन चंद्रमा कर्क, गुरु मीन एवं शनि कुंभ ये तीनों ही ग्रह स्वराशि में रहेंगे। इस दिन आयुष्मान, रविपुष्य एवं सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ आ रहे हैं। पदम पुराण में माघ स्नान का महत्व बताते हुए महादेव ने कहा है कि चक्र तीर्थ में श्री हरि का और मथुरा में श्री कृष्ण का दर्शन करने से मनुष्य का जो फल मिलता है, वहीं माघ मास में स्नान करने से फल मिलता है।

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