Hindustan Hindi News

[ad_1]

पितरों के लिए पिंडदानियों का सैलाब गयाधाम में उमड़ पड़ा है। तीर्थयात्री पूर्वजों की मोक्ष की कामना लिए आये हैं। दो साल बाद आयोजित पितृपक्ष मेला-2022 यानी पितरों के महापर्व में विष्णुनगरी में करीब 80 हजार पिंडदानी आ चुके हैं। पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा शनिवार की सुबह फल्गु में तर्पण के साथ गयाधाम का पिंडदान शुरू हो गया। त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध कर रहे हजारों पिंडदानियों ने फल्गु के घाटों पर तर्पण कर अपने पूर्वजों के स्वर्गलोक प्राप्ति की कामना की। घाट पर बने पंडाल में घंटों बैठकर कर्मकांड किया। विष्णुपद से लेकर फल्गु के श्मशान घाट, गजाधर, देवघाट और संगत घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों की दिखी। साथ ही विष्णुपद मंदिर परिसर में भी। एक, तीन, सात दिनों का कर्मकांड करने वाले पिंडदानियों ने भी गयाश्राद्ध किया। गयाधाम से पहले शुक्रवार को पुनपुन का श्राद्ध हुआ था।

Shradh 2022 : पितृ पक्ष सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा, ज्योतिषाचार्य से जानें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल

खीर से बने पिंड से किया पिंडदान, विष्णुचरण की पूजा की

  • पुनपुन में कर्मकांड के बाद पिंडदानियों का जत्था शुक्रवार की देर रात तक गया पहुंचा। शनिवार की सुबह अपने-अपने पंडा से आज्ञा लेकर पंडित जी के साथ पिंडदान के लिए फल्गु के घाटों पर निकले पड़े। रबर डैम बनने के बाद मोक्षदायिनी के पानी से भरने की वजह से घाटों पर भीड़ बनी रही। त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध के पहले दिन शनिवार को पिंडदानियों ने तर्पण के बाद फल्गु के घाटों पर बैठकर कर्मकांड किया। जौ, चावल और दूध से बने खीर से पिंड बनाए। पूरे विधान के साथ मंत्रोच्चार के बीच पितरों के निमित्त कर्मकांड किया। पिंडदान के बाद पिंड को फल्गु में प्रवाहित कर दिया। इसके बाद पिंडदानियों का जत्था विष्णुपद मंदिर में उमड़ा। यहां गर्भगृह में तीर्थयात्रियों ने श्री विष्णुचरण के दर्शन-पूजन किए।

Mercury Retrograde In Virgo: बुध हुए कन्या राशि में वक्री, मेष से लेकर मीन राशि वालों के जीवन में मचेगी हलचल, पढ़ें राशिफल

आज प्रेतशिला व रामशिला सहित पांच वेदियों पर होगा पिंडदान

  • पितृपक्ष के दूसरे दिन आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा रविवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध के निमित पांच वेदियों पर पिंडदान होगा। पूर्वजों के लिए त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वाले गया पंचकोस क्षेत्र के ब्रह्मकुंड, प्रेतशिला, रामकुंड, रामशिला और कागबलि पिंडवेदियों पर पिंडदान करेंगे। प्रेतशिला गया शहर से सात किलोमीटर दूर है।

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *