[ad_1]
आज सकट चौथ का पावन पर्व है। आज के दिन भगवान श्री गणेश की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। देश में अलग अलग स्थानों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से जाना जाता है। सकट चौथ व्रत में माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए दिनभर उपवास रखती है। मान्यता है कि सकट चौथ का व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से संतान के ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। देशभर में सकट चौथ का चांद दिखने लगा है। चांद दिखने के बाद ही चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
इस विधि से दें अर्घ्य- चांदी के पात्र में पानी में थोड़ा सा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। संध्याकाल में चंद्रमा को अर्ध्य देना काफी लाभप्रद होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आ रहे समस्त नकारात्मक विचार, दुर्भावना और स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है।
इन बातों का रखें ध्यान-
1. काला वस्त्र न पहनें– हिंदू धर्म में काला रंग अशुभता का प्रतीक है। इसलिए किसी मांगलिक या शुभ कार्य के दौरान काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। ऐसे में सकट चौथ व्रत में महिलाएं काले रंग के वस्त्र धारण न करें। इस व्रत में लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
2. चंद्रदेव को अर्घ्य देते हुए इन बातों का रखें ध्यान– सकट चौथ व्रत के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है। हालांकि अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि अर्घ्य के दौरान आपके पैरों में जल के छींटे न पड़ें।
3. सकट चौथ व्रत में इस चीज को न करें शामिल– भगवान गणेश की पूजा में कभी भी तुलसी की पत्ती शामिल नहीं करनी चाहिए। भगवान श्रीगणेश को दूर्वा अतिप्रिय है। इसलिए सकट चौथ पूजन में दूर्वा घास जरूर शामिल करें।
4. चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत होता है संपूर्ण- सकट चौथ व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है। बिना चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किए सकट चौथ का व्रत पूरा नहीं माना जाता है।
चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त इस मंत्र का करें जाप-
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
[ad_2]
Source link
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!