Hindustan Hindi News

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

Budh Gochar 2022: Mercury zodiac changed on December 3: ग्रहों में राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध मैनेजमेंट विद्या, बौद्धिकता, लेखन शक्ति, पत्रकारिता, साहित्य, चतुराई, ज्ञान, अध्ययन-अध्यापन, बुद्धि, विवेक, समझ, ज्ञान, हरे भरे प्राकृतिक वस्तुओं के कारक ग्रह बुध का गोचरीय परिवर्तन मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि 3 दिसम्बर 2022 दिन शनिवार को बल, पौरुष, पराक्रम के कारक ग्रह मंगल की राशि वृश्चिक से निकलकर देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में रात में 9:10 बजे होगा । जहां पर 6 फरवरी 2023 दिन सोमवार की रात में 7:15 तक रह कर चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। बुध ,मिथुन एवं कन्या राशि का स्वामी ग्रह है। बुध जहां कन्या राशि मे उच्च के होते है वही मीन राशि में नीचत्व को प्राप्त करते है। वृष लग्न में राजयोग कारक हो जाते है। बृहस्पति ज्ञान आध्यात्म के कारक ग्रह है। देवगुरु की राशि मे बौद्धिकता, ज्ञान, चतुरायी, आदि के कारक ग्रह बुध का प्रवेश निश्चित तौर पर बड़ा एवं सकारात्मक परिवर्तन है। इसका चराचर जगत सहित प्रत्येक प्राणी पर, धार्मिक संस्थानों पर एवं विद्यालयी संस्थानों पर पड़ेगा।

भारतीय दृष्टिकोण से:- 

स्वतंत्र भारत की कुण्डली कर्क राशि एवं वृष लग्न की है।

धनेश-पंचमेश होकर अष्टम भाव मे गोचर ,बहुत शुभ परिणाम नही देगा।

धनागम के स्रोतों में वृद्धि।

आम जन मानस को लाभ।

किसानों के हितों की नई योजना आरम्भ

आन्तरिक अशांति परन्तु हल निकलेगा।

सरकारी रवैया के कारण आमजन में आक्रोश।

व्यापारिक साझेदारी में वृद्धि।

पढ़ें इसका मेष से मीन राशि वालों पर प्रभाव

मेष :- तृतीयेश-रोगेश होकर भाग्य भाव में।

         पराक्रम में वृद्धि

         भाई-बन्धुओ का सहयोग सानिध्य, 

         भाग्य का साथ प्राप्त होगा

         आन्तरिक रोग एवं शत्रु तनाव देंगे।

         बौद्धिकता के आधार पर लाभ

         पट्टेदारी का तनाव

         प्रसिद्ध में वृद्धि

          सन्तान पक्ष से सकारात्मकता

वृष :- द्वितीयेश-पंचमेश होकर अष्टम भाव में।

        वाणी व्यवसाय से लाभ

        पेशाब संबंधित या आंतरिक समस्या में वृद्धि

        धन एवं पारिवारिक वृद्धि

        पारिवार में शुभ कार्य

        अध्ययन-अध्यापन में अरुचि

        आध्यात्मिक कार्यो में रुचि

        आँखों का ख्याल रखें

      शुगर आदि की पुरानी समस्या उभर सकती है।

मिथुन :- लग्नेश-सुखेश होकर सप्तम भाव मे।

           मनोबल में वृद्धि

           स्वास्थ्य में वृद्धि

           गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि

           दाम्पत्य में थोड़ा विवाद सम्भव

           प्रेम संबंधों में टकराव या तनाव

            सरकारी लाभ 

            साझेदारी में विवाद से बचें

            माता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि

कर्क :– व्ययेश-पराक्रमेश होकर षष्ट भाव मे

          व्यय में वृद्धि ,यात्रा पर खर्च

          आन्तरिक रोग एवं शत्रु में वृद्धि

          पराक्रम में कमी 

          पारिवारिक तनाव में वृद्धि

          आर्थिक कार्यो में अवरोध

           भाई बहनों को लेकर तनाव

          एलर्जी की समस्या,शुगर आदि की समस्या 

          सामाजिक दायरों में कमी की संभावना

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *