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Chanakya Niti: अर्थशास्त्र के रचयिता आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन को आसान बनाने व जटिल सामाजिक समस्याओं से निजात पाने के लिए कई नियमों का उल्लेख किया है। चाणक्य की कई बातों पर आज भी लोग भरोसा करते  हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आधुनिक समय चाणक्य के नियमों को अतार्किक मानते हैं, लेकिन कौटिल्य ने अपने दूरदर्शिता से निवास स्थान के बारे में जो बातें या मानक बताएं हैं उन्हें आज भी आप गौर से पढ़ेंगे। इतना ही नहीं बहुत से लोग इन नियमों को अपने जीवन में उतारना भी चाहेगा । अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति समेत कई क्षेत्रों में माहिर चाणक्य ने धन, तरक्की, बिजनेस, दोस्ती-दुश्मनी समेत अनेकों पहलुओं से जुड़ी बातों के लिए अपने नियम बताए हैं। ऐसे ही नियमों चाणक्य ने निवास स्थान या ठहरने वाली जगह के बारे में 5 मानक तय किए हैं। जो इस प्रकार हैं-

धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:। 

पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।

अर्थात जहां 5 चीजें- धनी, विद्वान, राजा, वैद्य (डॉक्टर) और नदी न हो वहां एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।

1- जिस शहर में कोई धनी न हो।

2- जिस देश में वेदों को जानने वाले विद्वान न हों।

3- जहां कोई राजा या सरकार न हो।

4- जिस शहर या गांव में कोई डॉक्टर नहीं रहता हो।

5- जिस जगह के पास कोई नदी नहीं बहती हो।

चाणक्य जिन पांच स्थानों पर न ठहरने की सलाह हैं इसके पीछे का कारण बताते हुए चाणक्य कहते हैं कि जीवन की समस्याओं में पांचों चीजों का खास महत्व है। संकट के समय धन की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति धनी व्यक्ति से हो सकती है। कर्मकांड के लिए पुरोहितों की आवश्यकता होती है। वहीं शासन व सुरक्षा के लिए राजा या सरकार की जरूरत होती है। इसी प्रकार से रोग सताने पर वैद्य या डॉक्टर की जरूरत होती है और नदी यानी जल स्रोत भी जीवन के लिए आवश्यक है। 

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