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हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर एकदन्त संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। 19 मई 2022 को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी है।इस दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से ही होती है। भगवान गणेश को प्रसन्न करना काफी आसान होता है। अपने भक्तों से भगवान गणेश बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं एकदन्त संकष्ट पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट-
मुहूर्त-
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – मई 18, 2022 को 11:36 पी एम बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त – मई 19, 2022 को 08:23 पी एम बजे
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एकदन्त संकष्टी चतुर्थी पूजा- विधि
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
- भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं।
- भगवान गणेश का ध्यान करें।
- गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं।
- इस व्रत में चांद की पूजा का भी महत्व होता है।
- शाम को चांद के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलें।
- भगवान गणेश की आरती जरूर करें।
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संकष्टी चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- लाल कपड़ा
- दूर्वा
- जनेऊ
- कलश
- नारियल
- पंचामृत
- पंचमेवा
- गंगाजल
- रोली
- मौली लाल
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