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तीस जून से गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। यह नौ जुलाई तक चलेंगे। आषाढ़ गुप्त नवरात्र की प्रतिपदा 29 जून सुबह 8 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो गई और तीस जून की सुबह 10 बजकर 49 बज तक रहेगी।
मगर उदय तिथि होने के कारण इनका आज 30 जून से ही आरंभ माना जाएगा। इनमें विशेष कर तांत्रिक विद्याओं की पूजा की जाती है। इनके लिए घट स्थापनाका मुहूर्त सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। यह जानकारी देते हुए हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा एवं ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु दत्त शास्त्री ने बताया इन नवरात्रों में मां की महाविद्या मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी,भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता,त्रिपुर भैरवी, मं ध्रुमावती, मां बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।
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इन मंत्रों का करें जाप
- पौराणिक काल में लोगों की आस्था गुप्त नवरात्रि में रही है। इनमें शक्ति की उपासना की जाती है। ताकि जीवन तनाव मुक्त रहे। इस दौरान मां शक्ति के खास मंत्रों के जाप करने से किसी भी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है अथवा किसी भी सिद्धि को प्राप्त किया जा सकता है। सिद्धि के लिए ऊं एं हृीं क्लीं चामुंडायै विच्चै, ऊं क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुत्को धन्य धान्य सुतान्यवितं, मनुष्यों मत प्रसार्देन भविष्यति न संचय: क्लीं ऊं, ऊं श्री हृीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा आदि विशेष मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
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