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Holi 2022: उमंग उत्साह के पर्व बसन्त पंचमी से ब्रज के प्रसिद्ध मंदिरों में रंगोत्सव की तैयारी शुरू हो जाएगी। लाड़लीजी महल में संध्या समय समाज गायन के दौरान चालीस दिनी होली का डांढा गाड़ा जाएगा।
कोरोना व चुनावी समर के मध्य ब्रज मंडल में बसंत पंचमी को होली का डांढा गाढ़ने की परंपरा के साथ ही रंगोत्सव शुरू हो जाएगा। बरसाना के लाड़लीजी महल में संध्या के समय मंदिर के सेवायत श्रीजी की प्रसादी चुनरी के साथ झंडा रुपी डांढा मंदिर परिसर में गड़ेंगे। यहां के प्रमुख मंदिरों में ढप की थापों पर होली की समाज गायन व रसियों के स्वर गूंजने लगेंगे।
बसन्त से शुरू होने वाला उल्लास धीरे-धीरे बरसाना की लड्डू होली के साथ ही लठामार होली पर अपने अनूठे अंदाज के साथ शिखर पर पहुंचकर धूल होली पर समाप्त होगा। 40 दिन तक चलने वाला रंगों का यह उत्सव बलदेव में हुरंगा के साथ ही संपन्न होता है। लाडली मंदिर के सेवायत सुरेश गोस्वामी ने बताया कि बरसाना के गोस्वामीजनों द्वारा समाज गायन के दौरान आपस में गुलाल लगाकर इस महोत्सव का शुभारंभ किया जाता है।इस दिन मंदिर परिसर को भव्य वसन्ती परिधानों से सजाया जाएगा। यहां के प्रमुख मंदिर दादी बाबा मंदिर, बृषभान जी मंदिर, गोपालजी मंदिर, राम मंदिर दानगढ़, मानगढ़ विलासगढ़, कीर्ति मंदिर जयपुर मंदिरों में वसन्तोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
आपको बता दें कि बसंत पंचमी इस बार 5 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी। वहीं होली इस बार 18 मार्च को जलेगी और 19 मार्च को खेली जाएगी।
ये होंगे कार्यक्रम:
5 फरवरी को लाड़लीजी मंदिर में गड़ेगा डांढा
01 मार्च को शिवरात्रि को होली की प्रथम चौपाई निकलेगी।
10 मार्च को लडलीजी महल में लड्डू होली, होली की दूसरी चौपाई निकलेगी।
11 मार्च को बरसाना की विश्व प्रसिद्ध लठामार होली रंगीली गली में खेली जाएगी।
12 मार्च को नंन्दगांव की लठामार होली आयोजन होगा।
-चालीस दिनी होली महोत्सव की होगी शुरुआत
-लाड़लीजी मंदिर में होली की समाज गायन होगा
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